प्रियप्रवास (Priyapravas) [Hardcover](Hardcover, पं. अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध (Pt. Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh)) | Zipri.in
प्रियप्रवास (Priyapravas) [Hardcover](Hardcover, पं. अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध (Pt. Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh))

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These are reprint editions reprinted with the help of original book just to give the original look and feel we do not change its format and text due to which in some cases the text is not like new. किताब के बारे में: प्रियप्रवास पं अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध द्वारा रचित एक उत्कृष्ट महाकाव्य है जो राम के वनवास को प्रेम और करुणा के भावों के माध्यम से प्रस्तुत करता है इसमें राम और सीता के बीच के भावनात्मक संबंध त्याग धर्म और कर्तव्य का अत्यंत मार्मिक चित्रण किया गया है काव्य की भाषा संस्कृतनिष्ठ परंतु भावप्रधान है जो पाठक को भावविभोर कर देती है प्रियप्रवास न केवल हिंदी में छंदबद्ध कविता की परंपरा को पुनर्स्थापित करता है बल्कि इसे आधुनिकता से भी जोड़ता है यह काव्य भाव भाषा और कला का अद्वितीय संगम है लेखक के बारे में: प्रियप्रवास पं अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध द्वारा रचित आधुनिक हिंदी का प्रथम महाकाव्य है जिसे खड़ी बोली में लिखा गया है यह महाकाव्य राम के वनवास और सीता के विरह को आधार बनाकर रचा गया है जिसमें प्रेम त्याग करुणा और धर्म का गहन चित्रण किया गया है इसकी भाषा संस्कृतनिष्ठ पर भावप्रवण और सहज है हरिऔध ने इस रचना के माध्यम से खड़ी बोली को काव्य के योग्य सिद्ध किया प्रियप्रवास केवल एक धार्मिक आख्यान नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक नैतिक और भावनात्मक महाकाव्य है जिसने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी और हिंदी कविता की गरिमा को बढ़ाया The Title 'प्रियप्रवास (Priyapravas) written/authored/edited by पं. अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध (Pt. Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh)', published in the year 1880. The ISBN 9789372258363 is assigned to the Hardcover version of this title. This book has total of pp. 344 (Pages). The publisher of this title is Gyan Publishing House. This Book is in Hindi. The subject of this book is Hindi Story. Size of the book is 14.34 x 22.59 cms.